सूतिका गृह एवं शिशु कल्याण केन्द्र जबलपुर यह नागपुर मातृ सेवा संघ की शाखा है। इसका प्रारंभ स्वर्गीय कमलताई होस्पेट द्वारा किया गया था। फरवरी 1941 में किराये के भवन में श्री रायबहादुर छत्तरसिंहजी के कर कमलों द्वारा इसका उद्घाटन किया गया।
1941 से संस्था की प्रथम कार्यकारिणी निम्नानुसार थी।
1 |
श्रीमती सीताबाई गाडगील |
अध्यक्षा |
मातृसेवा संघ नागपुर |
2 |
श्रीमती रमाबाई आगरे |
उपाध्यक्षा |
मातृसेवा संघ नागपुर |
3 |
श्रीमती कमलाताई होस्पेट |
सचिव |
मातृसेवा संघ नागपुर |
4 |
श्रीमती यमुनाबाई करंदीकर |
जबलपुर शाखा अध्यक्ष |
|
5 |
श्रीमती इंदिराबाई रानडे |
शाखा सचिव |
|
6 |
श्रीमती मनोरमाबाई नावलेकर |
सदस्य |
|
7 |
श्रीमती राधाबाई भावे |
सदस्य |
|
8 |
श्रीमती विमलाबाई बर्वे |
सदस्य |
|
9 |
श्रीमती मीनाक्षीबाई दांडेकर |
सदस्य |
|
10 |
श्रीमती सीताबाई फडणीस |
सदस्य |
|
11 |
श्रीमती इंदिराबाई सर्वटे |
सदस्य |
|
12 |
श्रीमती जानकीबाई करंबेलकर |
सदस्य |
|
डाॅ पी.के. प्रधान मुख्य चिकित्सक थे। बाद में डाॅक्टर श्रीमती विनु नायक, डाॅ. जे.पी.दुबे, डाॅ वाघ, डाॅ सर्वटे, डाॅ कामदीन आदि डाॅक्टरों की सेवाऐं आवश्यकतानुसार समय समय पर सुतिका गृह को प्रारंभिक कार्यकाल में मिलती रही। बाद में डाॅ. सुलोचना सुले मुख्य चिकित्सक के रूप में सुतिका गृह में कार्य करने लगी और उनके निष्काम सेवा भाव और त्याग से सुतिका गृह की उत्तरोत्तर प्रगती होती गई। आज सुतिकागृह अपनी 75 वर्ष पूरे कर रहा है।
संस्था के प्रगति में डाॅक्टरों के साथ ही शांताबाई लोणकर, स्मिता सावजी जैसे सेवाव्रती बहनों को बड़ा सहयोग रहा। डाॅक्टर सुलोचना सुले के साथ साथ डाॅ. स्वामी, डाॅ किर्ती फडणीस का भी संस्था के विकास में योगदान रहा है।
मातृसेवा और शिशु संगोपन जैसे सर्वोत्तम मानवीय मूल्यवाले क्षेत्र में विगत 75 वर्षों के प्रदीर्घ काले से राईट टाउन स्थित “ सुतिकागृह एवं शिशु कल्याण केन्द्र” सेवा हेतु तत्पर है। संस्था की नीव परम आदरणीय कर्मयोगिनी पद्मश्री स्वर्गीय कमलाताई होस्पेट ने की थी। जिसकी विकास यात्रा के यशस्वी अध्याय का लेखन स्वर्गीय श्रीमती प्रभावतीबाई जकातदार, श्रीमती सुधा चांदोरकर एवं स्वर्गीय सीताबाई ठोसर एवं अन्य समाज सेविकाओं के सद्प्रभाव से संभव हुआ जो आज जबलपुर का अति विश्वसनीय मितव्ययी एवं उत्तम सेवा का 75 बिस्तरों का 2 भव्य भवनों का अस्पताल है। आज यह अस्पताल "नींव से इमारत तक" नारीशक्ति का अहसास दिलाता है। यह अस्पताल अपने प्रेरणा स्त्रोतो के मार्गदर्शन पर प्रबंधन समिति द्वारा निःशुल्क, सेवाभावी महिलाओं द्वारा चलाया जा रहा है। इस “पेशेंट फ्रेड्ली” अस्पताल की गुणवत्ता कायम रखने का श्रेय यहाँ कार्यरत अनुभवी सक्षम डाॅक्टरों, प्रशिक्षित नर्सों एवं अन्य कर्मयोगी कर्मचारियों को जाता है जो अपने आप एक मिसाल है। आज जबलपुर का एक मात्र अस्पताल है जो स्त्रियों के लिये स्त्रियों द्वारा संचालित हो रहा है।
इस अस्पताल के स्थापना का उद्देश्य गरीब, मध्यम और सभी वर्गों के लोगों को उत्तम विश्वसनीय एवं त्वरित स्वास्थ्य लाभ देना है।
सुतिकागृह एवं शिशु कल्याण केन्द्र में कम खर्च में प्रसूति एवं आॅपरेशन तो पहले से होते आ रहे हैं, परंतु नवजात शिशु की देखभाल के लिए नवजात शिशु को बाहर किसी अन्य अस्पताल में ले जाना पड़ता था। जिसके कारण माँ और साथ वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नई नर्सरी का निर्माण सुतिकागृह के नये भवन में किया गया है जहाँ प्रशिक्षित स्टाॅफ एवं अनुभवी चिकित्सक नवजात शिशु के स्वास्थ्य का खयाल पूर्ण ईमानदारी एवं सेवाभाव से करते हैं।